कृपा बरस रही हैै…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीव नहीं हैं, वे अवतरित हुए हैं, वो ब्रह्म हैं, अजर,अमर,अविनाशी हैं.
मोदी जी जिस प्रयोजन से मर्त्यलोक में आए हैं, उसका खुलासा उनके सुदामा मित्र गौतम अडानी के भोले बेटे करण अडानी ने कर दिया है.
करण अडानी ने पॉवर प्वॉइंट प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि आम चुनाव के बाद देश के 30 से 35 हवाई अड्डे निजी क्षेत्र को सौंपे जाएंगे. अडानी समूह को उम्मीद है कि इनमें से कम से कम 25 हवाई अड्डे उनके खाते में आएंगे. अडानीजी 60 हजार करोड़ इस धंधे में लगाएंगे,
हालांकि हैरानी की बात ये है कि अडानी ने चुनाव के बीच होने वाले घोटाले का खुलासा आखिर क्यों किया.
इससे पहले ताज्जुब ये था कि आखिर मोदीजी ने क्यों कहा कि अंबानी-अडानी टैंपों में भर-भर कर कांग्रेस को काला धन दे रहे हैं.
राहुल गांधी ने बताया कि मोदी खुद को बचाने के लिए अंबानी-अडानी से प्रार्थना कर रहे हैं. क्योंकि वो चुनाव हार रहे हैं.
ब्रह्म और जीव के बीच का ये रिश्ता क्या कहलाता है. दरसल ये बड़े-बड़े परम ज्ञानियों को भी जल्द समझ नहीं आता है.
बहरहाल, फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज (एईएल) के उप मुख्य वित्तीय अधिकारी सौरभ शाह ने कहा है कि “हम निश्चित रूप से निजीकरण के लिए आने वाले हवाईअड्डों को देखेंगे और यह चुनाव के बाद होगा। हम उन हवाईअड्डों में परियोजनाओं के लिए 100% बोली लगाएंगे जो हमारे नेटवर्क की मुख्य ताकत हैं जिन्हें हम विकसित करना चाहते हैं.
समझा जा रहा है कि अडानी की फेहरिस्त में चेन्नई, भुवनेश्वर, अमृतसर और वाराणसी जैसे प्रमुख एयरपोर्ट हैं. इनके अलावा धर्मशाला और झारसुगुड़ा जैसे छोटे हवाईअड्डे भी शामिल हैं. जिन हवाई अड्डों पर हाई वाल्यूम पैसेंजर ट्रैफिक है, उन पर तो खासी नज़र है.
हवाई अड्डे के धंधे में पीएम मोदी ने अपने “सुदामा” को स्थापित करने के लिए क्या नहीं किया. हवाई अड्डों के संचालन के पूर्व अनुभव का नियम बदल कर अडानी को छह हवाई अड्डे दे दिए.
जीवीके कंपनी के गले में ईडी और सीबीआई का फंदा कुछ ऐसा फंसा कि मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा भी अडानी को अनायास मिल गया.
लिखते-लिखते एक और मुनाफा…. मुंबई की 1700 करोड़ की रेडियस इस्टेट दीवालिया कानून के तहत अडानी जी की फूलों वाली डलिया में सिर्फ 76 करोड़ में आ गिरी. एनसीएलएटी ने सौदा मंजूर कर लिया. दौलत-दौलत को खींचती है.
इससे पहले फाइनेंशियल टाइम्स में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट से पता चला था कि 2012-13 के दौरान घटिया कोयले के 24 शिपमेंट का आयात कर अडानी ने ऊंची क्वालिटी का दाम तमिलनाडु से वसूला था. तीन हजार करोड़ की कमाई के लिए लाखों लोगो की जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं किया गया.
देश की जांच एजेंसियां तो भगवान मोदी की चुनाव सेवा में व्यस्त हैं. वैसे भी आज तक ईडी,सीबीआई और इंकम टैक्स को उन काले धन के मालिकों के घर का पता नही मिला, जिनके टैंपो का पीएम मोदी ने हाल ही में जिक्र किया था.
प्रधानमंत्री के बयान के आधार पर तो इन एजेंसियों को खुद ही मुकदमा दर्ज कर लेना चाहिए था. लेकिन इन्हें प्रतिपक्ष के नेताओं के ठिकाने भर मालूम हैं.
लेकिन अब 12 अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि घटिया कोयले के आयात के मामले में दर्ज मुकदमें में तेजी लाई जाए.
इसी ओसीसीआरपी यानि ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की पिछली रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि इंडोनेशिया से अडानी का आयात किया कोयला भारत आते-आते 12 हजार करोड़ रुपए महंगा हो गया.
शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग के लगाए आरोपों के बाद भी सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुई अडानी मामले में सेबी की जांच किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पाई.
हाल ही में सेबी ने अडानी की 6 कंपनियों को संबंधित पक्ष लेनदेन के कथित उल्लंघन, लिस्टिंग नियमों का पालन न करने और ऑडिटर सर्टिफिकेट्स की वैधता के संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं.
इससे पहले अडानी समूह से जुड़ी कई ऑफशोर कंपनियों को विदेशी निवेश के नियमों के उल्लंघन को लेकर भी सेबी ने नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन 8 ऑफशोर फंड्स ने सेबी को पत्र लिख कर कहा कि मामले को पैनाल्टी दे कर सुलझा लिया जाए, लेकिन इसमें किसी अपराध का रूप ना दिया जाए.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के संबंधों की बात उठाई थी.
उसके बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता और आवास छीन लिए गए थे. यही तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के साथ भी हुआ.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि “निवर्तमान प्रधानमंत्री की कृपा ने पहले ही अडानी ग्रुप को देश का एकमात्र प्राइवेट एयरपोर्ट संचालक बना दिया है। अब अडानी ने अन्य 25 हवाईअड्डों को ‘बेचने’ की मोदी सरकार की दुष्टता से भरी योजना को लीक कर दिया है। करदाताओं के पैसे से बनाई गई ये सार्वजनिक संपत्तियां ‘टेंपो मैन’ को कौड़ियों के भाव बेची जा रही है।
सत्ता में आने जा रही INDIA जनबंधन की सरकार मोदानी घोटाले की कठोर जेपीसी जांच कराएगी।”
बहरहाल अरबपतियों के भगवान नहीं कर रहे आराम,
निवर्तमान हो कर भी फाइलों पर कर रहे हैं दस्तखत. गरीबों से झूठ, अमीरों के काम..
कल कोयले की दलाली का दिन तो आज हवाई अड्डा घोटाले के हवाई प्लान..
अब भी मोडानी के धंधे बंद होने के नहीं ले रहे नाम..
हे राम…!!