मैचफिक्सिंग से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव  में खोला खाता !!

 

सच कहा था राहुल गांधी ने, खत्म हो गया है लोकतंत्र, आम चुनाव में मैच फिक्स हो गया है..

अभी चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में धांधली के मुद्दा जनता के जेहन से उतरा भी नहीं था कि गुजरात में सूरत में 2024 के आम चुनाव में  कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का आवेदन रद्द कर बीजेपी के मुकेश दलाल को विजयी घोषित कर दिया गया है. हैरानी ये है कि अन्य तीन प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है. और इस तरह मैचफिक्सिंग से बीजेपी ने  लोकसभा चुनाव  में अपना खाता  खोल लिया है.

सूरत के जिला चुनाव अधिकारी सौरभ पार्घी ने नीलेश कुंभानी का नामांकन खारिज करते हुए तीनों प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के वेरीफिकेशन ना होने का कारण बताया है. कांग्रेस नेता और वकील बाबू मांगुकिया का कहना है कि हमारे प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है. वहीं बाकी तीन प्रत्य़ाशियों ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है.

 कुंभानी के नामांकन खारिज होने के साथ ही कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार  सुरेश पडसाला का भी नामांकन भी इसी तरह की खामी निकाल कर खारिज कर दिय गया. ऐसे में कांग्रेस पार्टी बगैर किसी उम्मीदवार के रह गई. और तीन अन्य प्रत्याशियों के अपना पर्चा वापिस लेने से बीजेपी का लोकसभा चुनाव 2024 में निर्विरोध खाता खुल गया.

 उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 24 प्रत्याशियों में से 12 की  उम्मीदवारी सूरत के निर्वाचन अधिकारी ने खारिज कर दी. और बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल के नामांकन को सत्यापित कर दिया. कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग से सूरत के चुनाव स्थगित करने की मांग की है. 

कांग्रेस का कहना है कि 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को “निर्विरोध” जिता दिया गया.  मैच फिक्सिंग का इससे बड़ा सुबूत और कोई नहीं हो सकता है. 

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के शासन काल  में MSME मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए भाजपा इतनी बुरी तरह से डर गई है. पिछले गुजरात चुनाव के वक्त भी सूरत में छोटे व्यापारियों और कारोबारियों का गुस्सा उबाल पर था. बीजेपी ने हार को भांप कर मतदान से पहले ही मैच फिक्स करने का नया तरीका इजाद कर लिया.

हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि ये जो चुनाव हो रहा है, उसमें नरेंद्र मोदी मैच फिक्स करने की कोशिश कर रहे हैं. ये जो उनका चार सौ पार का नारा है, ये बिना ईवीएम के, बिना मैच फिक्सिंग के ,बिना सोशल मीडिया के और प्रेस पर दबाव के बिना वे 180 से से ज्यादा सीट नहीं जीत सकते.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भी इसी तरह निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ मतों को खारिज कर दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को पलटते हुए अनिल मसीह को अदालत से माफी मांगनी पड़ी थी.

सूरत में कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन रद्द होने पर कांग्रेस का कहना है कि इस सीट पर उनकी पार्टी 1984 से लगातार जीतती आ रही है. ऐसे में हार सुनिश्चित देख कर पहले ही मौच फिक्स कर लिया गया है.  कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि “हमारे चुनाव, हमारा लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान – सब कुछ भयंकर ख़तरे में हैं। मैं दोहरा रहा हूं – यह हमारे जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है!”

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